पी.सी.एस.
झारखंड पी.सी.एस. प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम
- 01 Aug 2021
- 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम
जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर शामिल हैं यानी सामान्य अध्ययन और झारखंड विशिष्ट सामान्य अध्ययन
सामान्य अध्ययन के पेपर में निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:
- भारत का इतिहास: प्राचीन भारत; मध्यकालीन भारत और आधुनिक भारत
- भारत का भूगोल: सामान्य भूगोल; भौतिकी भूगोल ; आर्थिक भूगोल और सामाजिक और जनसांख्यिकीय भूगोल।
- आर्थिक और सतत् विकास: बुनियादी विशेषताएँ; सतत् विकास और आर्थिक मुद्दे।
- भारतीय राजनीति और शासन: भारत का संविधान; लोक प्रशासन और सुशासन; विकेंद्रीकरण: पंचायतें और नगर पालिकाएँ
- सामान्य विज्ञान: प्रौद्योगिकी और आईटी; कृषि
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएँ
- झारखंड विशिष्ट प्रश्न (इतिहास, समाज, संस्कृति और विरासत के बारे में सामान्य जागरूकता)
- सामान्य प्रकृति के विविध प्रश्न।
सामान्य अध्ययन पेपर- II (झारखंड विशिष्ट) में शामिल होते हैं:
- झारखंड का इतिहास
- झारखंड में हुए प्रमुख आंदोलन
- झारखंड की विशिष्ट पहचान
- झारखंड: साहित्य और साहित्य से जुड़े व्यक्तित्त्व
- झारखंड: लोग और साहित्य; नृत्य; संगीत; पर्यटन स्थल; आदिवासी संस्कृति
- झारखंड: प्रमुख शिक्षण संस्थान
- झारखंड: खेल
- झारखंड: भूमि संबंधी कानून/अधिनियम
- झारखंड: उद्योग और संसाधन
- झारखंड: आपदा प्रबंधन
- झारखंड विविध
मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम
प्रश्नपत्र 1: सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेज़ी (क्वालीफाइंग)
- पेपर 1 में 2 खंड होंगे:
- हिंदी
- अंग्रेज़ी
- दोनों खंडों का वेटेज समान होगा यानी प्रत्येक खंड के लिये 50 अंक। पेपर का उद्देश्य उपरोक्त दो भाषाओं में उम्मीदवारों के कार्यसाधक ज्ञान का परीक्षण करना है। दोनों वर्गों का स्तर मैट्रिक मानकों के अनुरूप होगा।
- जेपीएससी परीक्षा पैटर्न के अनुसार, इस प्रश्न पत्र द्वारा निम्नलिखित के संबंध उम्मीदवार का परीक्षण किया जाएगा:
- निबंध (Essay)
- व्याकरण (Grammar)
- बोधगम्यता (Comprehension)
- संक्षिप्त लेखन (Precis Writing)
प्रश्नपत्र 2 (भाषा और साहित्य):
- उम्मीदवारों को निम्नलिखित भाषाओं और साहित्य में से किसी एक को चुनना होगा:
- उड़िया भाषा और साहित्य
- बंगाली भाषा और साहित्य
- उर्दू भाषा और साहित्य
- संस्कृत भाषा और साहित्य
- अंग्रेजी भाषा और साहित्य
- हिंदी भाषा और साहित्य
- संथाली भाषा और साहित्य
- पंचपरगनिया भाषा और साहित्य
- नागपुरी भाषा और साहित्य
- मुंडारी भाषा और साहित्य
- कुरुक्स भाषा और साहित्य
- कुर्माली भाषा और साहित्य
- खोरथा भाषा और साहित्य
- खड़िया भाषा और साहित्य
- हो भाषा और साहित्य
प्रश्नपत्र 3 (सामाजिक विज्ञान, इतिहास और भूगोल):
- इतिहास: इसमें निम्नलिखित विषयों के पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है:
- प्राचीन काल
- मध्यकाल
- आधुनिक काल
- झारखंड का इतिहास
- भूगोल: इसमें निम्नलिखित विषयों के पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है:
- भौतिक भूगोल (सामान्य सिद्धांत)
- भारत का भौतिक और मानव भूगोल
- भारत के प्राकृतिक संसाधन: विकास और उपयोग
- झारखंड का भूगोल और उसके संसाधनों का उपयोग।
- जनसंख्या
- औद्योगिक और शहरी विकास
- शहरी बंदोबस्त का प्रारूप और प्रदूषण समस्या।
प्रश्नपत्र 4 (भारतीय संविधान, राजनीति, लोक प्रशासन और सुशासन)
- भारतीय संविधान और राजनीति: इसमें निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:
- प्रस्तावना, भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ, मौलिक अधिकार और कर्तव्य, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- केंद्र सरकार (कार्यकारी और विधायिका)
- न्यायतंत्र
- राज्य सरकार (कार्यकारी, विधायिका, न्यायपालिका, पंचायत और नगरपालिका)
- केंद्र-राज्य संबंध
- अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित विशेष प्रावधान।
- संविधान के आपातकालीन प्रावधान
- भारत चुनाव आयोग
- राजनीतिक दल और दबाव समूह
- लोक प्रशासन और सुशासन: इसमें निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:
- लोक प्रशासन – अर्थ, कार्यक्षेत्र और महत्त्व
- सार्वजनिक और निजी प्रशासन
- केंद्रीय प्रशासन – केंद्रीय सचिवालय, कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, योजना आयोग, वित्त आयोग
- राज्य प्रशासन- राज्य सचिवालय, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय
- ज़िला प्रशासन – ज़िला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के कार्यालय की उत्पत्ति और विकास, ज़िला कलेक्टर की बदलती भूमिका, ज़िला प्रशासन पर न्यायपालिका के अलग होने का प्रभाव
- कार्मिक प्रशासन – सिविल सेवाओं की भर्ती, संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग, सिविल सेवकों का प्रशिक्षण, नेतृत्व और उसके गुण, कर्मचारियों का मनोबल और उत्पादकता
- प्राधिकरण का प्रत्यायोजन, केंद्रीकरण और विकेंद्रीकरण
- नौकरशाही – इसके गुण और अवगुण, नीति निर्माण और इसके कार्यान्वयन में नौकरशाही की भूमिका; नौकरशाही और राजनीतिक कार्यपालिका के बीच गठजोड़; सामान्यवादी बनाम विशेषज्ञ
- विकास प्रशासन
- आपदा प्रबंधन- कारण, शमन, आपदाओं का वर्गीकरण, तत्काल और दीर्घकालिक उपाय
- सुशासन – लोकपाल, लोकायुक्त, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, शिकायत निवारण, सेवा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा (रोकथाम) अधिनियम
- मानवाधिकार – अवधारणा, अर्थ, मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, आतंकवाद, सामाजिक मुद्दे
पेपर 5 (भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्वीकरण और सतत् विकास):
- भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी विशेषताएँ:
- राष्ट्रीय आय – राष्ट्रीय आय की प्राथमिक अवधारणाएँ, और इसकी गणना के तरीके, उदाहरण – जीडीपी, जीएनपी, एनडीपी, एनएनपी, जीएसडीपी, एनएसडीपी, डीडीपी स्थिर और वर्तमान कीमतों पर, कारक लागत पर आदि।
- मुद्रास्फीति – अवधारणा, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, मौद्रिक, राजकोषीय और प्रत्यक्ष उपाय।
- जनसांख्यिकीय विशेषताएँ
- कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था – हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, इंद्रधनुष क्रांति, विश्व व्यापार संगठन
- औद्योगिक अर्थव्यवस्था – नीतिगत पहल और परिवर्तन
- सार्वजनिक वित्त – सार्वजनिक वित्त का दायरा, सार्वजनिक वित्त के सिद्धांत, कराधान
- सरकारी व्यय
- बजट
- राजकोषीय नीति- केंद्र और राज्य के वित्तीय संबंध, वित्त आयोग की भूमिका
- भारत में भारतीय मौद्रिक और बैंकिंग प्रणाली की संरचना।
- भारतीय व्यापार, भुगतान संतुलन
- सतत् विकास, आर्थिक मुद्दे और भारतीय विकास रणनीति:
- आर्थिक विकास का अर्थ और माप; अविकसितता की विशेषताएँ, विकास के संकेतक: एचडीआई, जीडीआई, भारत की एचडीआई प्रगति।
- अर्थव्यवस्था के विकास में विदेशी पूंजी और प्रौद्योगिकी की भूमिका.
- सतत् विकास – सतत् विकास की अवधारणा और संकेतक, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता, जीडीपी की अवधारणा
- विकास की स्थिति और सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए के वर्गों से संबंधित मुद्दे, जैसे एसटी, एससी, धार्मिक अल्पसंख्यक, केंद्र/राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएँ।
- गरीबी और बेरोजगारी: माप और रुझान, बीपीएल परिवारों की पहचान, बहुआयामी गरीबी सूचकांक।
- खाद्य और पोषण सुरक्षा – भारत में खाद्य उत्पादन और खपत में रुझान, खाद्य सुरक्षा की समस्या, भंडारण, खरीद, वितरण, आयात और निर्यात की समस्याएं और मुद्दे। सरकारी नीतियाँ योजनाएँ और कार्यक्रम जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्याह्न भोजन योजनाएँ, खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिये सरकारी नीतियाँ।
- आर्थिक सुधार, प्रकृति और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- नये आर्थिक सुधार – उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण, आईएमएफ, विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय वित्त संस्थानों की अच्छी समझ; विश्व व्यापार संगठन
- वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, आर्थिक सुधार, नाबार्ड, आरआरबी
- भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण – विभिन्न क्षेत्रों पर इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव, भारत में एफडीआई और एफआईआई के मुद्दे।
- कृषि क्षेत्र – विकास, सब्सिडी के मुद्दे और कृषि में सार्वजनिक निवेश
- भारत में औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधार – औद्योगिक नीति में बड़े बदलाव, औद्योगिक विकास पर इसका प्रभाव, सुधार के बाद की अवधि में भारत के औद्योगीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की भूमिका, सार्वजनिक उद्यमों का विनिवेश और निजीकरण।
- झारखंड की अर्थव्यवस्था – विशेषताएँ, मुद्दे, चुनौतियाँ, रणनीतियाँ
- झारखंड की अर्थव्यवस्था का आर्थिक विकास और संरचना, क्षेत्रीय संरचना, एसडीपी में वृद्धि और पिछले दशक में प्रति व्यक्ति एनएसडीपी, झारखंड में कृषि और औद्योगिक विकास।
- झारखंड की जनसांख्यिकीय विशेषताएँ – जनसंख्या, वृद्धि, लिंग अनुपात, घनत्व, साक्षरता, कार्यबल की संरचना, ग्रामीण-शहरी संरचना आदि।
- झारखंड में गरीबी, बेरोजगारी, खाद्य सुरक्षा, कुपोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य संकेतकों की स्थिति, प्रमुख पहल, कृषि और ग्रामीण विकास के मुद्दे, प्रमुख कार्यक्रम और योजनाएँ, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, खाद्य सुरक्षा योजनाएँ।
- झारखंड में भूमि, जंगल और पर्यावरण के मुद्दे
पेपर 6 (सामान्य विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी विकास)
- भौतिक विज्ञान:
- एमकेएस, सीजीएस, एसआई जैसी इकाइयों की प्रणाली पर बुनियादी ज्ञान
- गति, वेग, गुरुत्वाकर्षण, द्रव्यमान, भार, बल, प्रभाव, कार्य, शक्ति और ऊर्जा पर विषय
- सौर मंडल से संबंधित विषय
- ध्वनि, तरंग दैर्ध्य आवृत्ति, इन्फ्रासोनिक और अल्ट्रासोनिक ध्वनि विशेषताओं और अनुप्रयोगों से संबंधित अवधारणाएँ।
- जीवन विज्ञान (Life Science):
- जीवित दुनिया, कोशिका-संरचना, इसके कार्यों, जीवों की विविधता, बायोमोलेक्यूल्स सेल प्रजनन पर अवधारणाएँ
- मेडलियन इनहेरिटेंस (Medallion inheritance) मानव विकास सहित पृथ्वी पर जीवन के विकास के सिद्धांत।
- कृषि विज्ञान:
- झारखंड की कृषि-जलवायु परिस्थितियों, वर्षा पैटर्न और प्रत्येक क्षेत्र में अजैविक तनावों की समझ।
- झारखंड की खाद्य और बागवानी फसलों का ज्ञान, फसलों के विविधीकरण के पीछे की आवश्यकता को समझना, जलवायु परिवर्तन की शुरुआत के कारण पोषण सुरक्षा, कृषि उत्पादन में सुधार में वर्षा जल संचयन की भूमिका और मछली पालन।
- उम्मीदवारों को मिट्टी की उर्वरता, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिये किये गये उपायों, जैविक खेती, कृषि वानिकी, बंजर भूमि और राज्य के किसानों की मदद करने के लिये सरकारी योजनाओं के बारे में अच्छी जानकारी होना आवश्यक है।
- पर्यावरण विज्ञान:
- वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण से निपटने हेतु पर्यावरण उपायों के संरक्षण के लिये भारत सरकार द्वारा किये गये उपाय।
- कई पर्यावरण कानूनों की समझ।
- जैवविविधता हॉटस्पॉट और जैवविविधता हॉटस्पॉट के खतरों पर उम्मीदवारों का ज्ञान।
- विज्ञान और तकनीक:
- परमाणु प्रौद्योगिकी से संबंधित भारत सरकार की नीतियाँ, वैश्विक परमाणु नीतियों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
- ऊर्जा के विभिन्न नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय स्रोतों के माध्यम से देश की ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिये सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएँ।
- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम, अंतरिक्ष कार्यक्रम की समझ।
- साइबर अपराधों के कारण सामने आने वाली सूचना प्रौद्योगिकी चुनौतियों में नवीनतम विकास का ज्ञान।